मधुर अम्ल लवण कटु तिक्त कषाय - विशेष जानकारी

1. मधुर रस (मीठा स्वाद)
महाभूत: पृथ्वी + जल
दोष प्रभाव: वात-पित्त शांत, कफ बढ़ाता है
शारीरिक लाभ: बल, ओज, धातु पोषण, त्वचा व बालों को पोषण
मानसिक प्रभाव: संतोष, स्नेह, स्थिरता
स्रोत: दूध, घी, चावल, गेहूं, ताजे फल, शहद, मेवे
मसाले/चाय: मुलेठी, सौंफ चाय
वर्जन: मधुमेह, मोटापा, कफ रोग
ऋतु: शीत, वर्षा में श्रेष्ठ
2. अम्ल रस (खट्टा स्वाद)
महाभूत: जल + अग्नि
दोष प्रभाव: वात शांत, पित्त-कफ बढ़ाता है
शारीरिक लाभ: अग्निवर्धन, रुचिवर्धन, स्निग्धता
मानसिक प्रभाव: चंचलता, उत्तेजना
स्रोत: नींबू, इमली, दही, आमचूर, सिरका
मसाले/चाय: नींबू तुलसी चाय
वर्जन: अम्लपित्त, रक्तविकार, उच्च पित्त
ऋतु: शरद ऋतु में सीमित
3. लवण रस (नमकीन स्वाद)
महाभूत: जल + अग्नि
दोष प्रभाव: वात शांत, पित्त-कफ बढ़ाता है
शारीरिक लाभ: अग्निवर्धक, स्रंसन, त्वचा में स्निग्धता
मानसिक प्रभाव: स्वादानुभूति, क्रोध यदि अधिक
स्रोत: सेंधा नमक, समुद्री नमक, सौवर्चल लवण
मसाले/चाय: सौंठ-नमक चाय
वर्जन: हाई BP, रक्तदोष, सूजन
ऋतु: शरद/ग्रीष्म में सीमित
4. कटु रस (तीखा स्वाद)
महाभूत: अग्नि + वायु
दोष प्रभाव: कफ शांत, वात-पित्त बढ़ाता है
शारीरिक लाभ: कफहर, कृमिघ्न, स्वेदन, अग्निवर्धक
मानसिक प्रभाव: तीव्रता, क्रोध
स्रोत: मिर्च, लहसुन, अदरक, काली मिर्च, हींग
मसाले/चाय: अदरक चाय, तुलसी काली मिर्च चाय
वर्जन: अल्सर, अम्लपित्त, पित्त रोगी
ऋतु: वसंत में श्रेष्ठ, शरद में वर्ज्य
5. तिक्त रस (कड़वा स्वाद)
महाभूत: वायु + आकाश
दोष प्रभाव: पित्त-कफ शांत, वात बढ़ाता है
शारीरिक लाभ: रक्तशुद्धि, कृमिनाश, चर्म रोग, यकृत विकार
मानसिक प्रभाव: संयम, स्थिरता, विरक्ति
स्रोत: करेला, मेथी, नीम, भृंगराज, पुनर्नवा
मसाले/चाय: नीम चाय, हल्दी दूध
वर्जन: वात विकार, दुर्बल व्यक्ति
ऋतु: ग्रीष्म, वसंत, शरद में श्रेष्ठ
6. कषाय रस (कसैला स्वाद)
महाभूत: पृथ्वी + वायु
दोष प्रभाव: पित्त-कफ शांत, वात बढ़ाता है
शारीरिक लाभ: रक्तस्राव रोकना, घाव भरना, अतिसार में लाभकारी
मानसिक प्रभाव: रुचिविनाश, मूकता, अंतर्मुखता
स्रोत: बेल फल, जामुन, मूँगफली, कच्चा केला
मसाले/चाय: बेल काढ़ा, अनार छाल का रस
वर्जन: वातजन्य रोग, गर्भवती स्त्रियाँ
ऋतु: ग्रीष्म व शरद में उपयोगी
प्रस्तुति: नाड़ी वैद्य डॉ. अजीत सिंह यादव
स्रोत: चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, अष्टांग हृदय, आधुनिक पोषण विज्ञान